डिजिटल भुगतान: भारतीय रिजर्व बैंक की पहल पर ओटीपी प्रणाली को अलविदा कहने और इसके स्थान पर एक नई सुरक्षा प्रणाली लाने की योजना बन रही है। यानी अब डिजिटल भुगतान के लिए ओटीपी सिस्टम को बदला जाएगा।
इस डिजिटल युग में, जहां ऑनलाइन शॉपिंग और यूपीआई ने जीवन को सुगम बना दिया है, वहीं टेक्नोलॉजी ने ठगों के लिए भी काम आसान कर दिया है। पिछले कुछ समय में फिशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में भारी वृद्धि हुई है, जिसमें अधिकांश घटनाएँ ओटीपी के माध्यम से होती हैं। इसे देखते हुए, अब ओटीपी प्रणाली को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है।
ओटीपी प्रणाली में बदलाव की तैयारी
भारतीय रिजर्व बैंक की योजना के अनुसार, ओटीपी सिस्टम को हटाकर इसकी जगह एक नई सुरक्षा प्रणाली लाई जाएगी। इससे ऑनलाइन ठगी के मामले कम होंगे और जामताड़ा जैसी फिशिंग घटनाएँ लगभग समाप्त हो जाएँगी।
ऑनलाइन ठगी बनेगी और भी मुश्किल
ओटीपी वेरिफिकेशन की जगह, आरबीआई अब एक ऑथेंटिकेशन ऐप या आपके फोन के सिक्योरिटी सिस्टम को पेमेंट वेरिफिकेशन के लिए मंजूरी दे सकता है। इसका मतलब है कि जब तक आप अपनी बायोमेट्रिक या फेशियल आईडी का इस्तेमाल नहीं करते, तब तक ऑनलाइन लेनदेन नहीं हो सकेगा। इससे ठगों के लिए आपके मोबाइल को हैक करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब ओटीपी वेरिफिकेशन को हटाया जा रहा हो। इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले का ट्विटर) ने भी इसे हटाने का कदम उठाया था। अब, डिजिटल भुगतानों के लिए भी अगर ओटीपी का यह पुराना और असुरक्षित तरीका हटा दिया जाता है, तो निसंदेह लोगों को इसका लाभ मिलेगा।